You are here
Home > राज्य और शहर > पूर्व कृषि मंत्री महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा ने विधानसभा में उठायी किसानों की आवाज

पूर्व कृषि मंत्री महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा ने विधानसभा में उठायी किसानों की आवाज

मंदसौर गोली काण्ड को लेकर भाजपा सरकार पर किया करारा प्रहार

मंदसौर संदेश/मंदसौर

मध्यप्रदेश के अन्दर लगातार हो रहे किसानों पर अत्याचार और शोषण के विरूद्ध पूर्व कृषि मंत्री एवं मुंगावली विधायक श्री महेन्द्रसिंह कालूखेड़ा ने मध्यप्रदेश की विधानसभा में किसानों की आवाज उठाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कहा था कि हर किसान का कर्जा माफ होगा और किसान की लागत से डेढ़ गुना पैसा किसानों को देंगे। मुख्यमंत्रीजी यह कहते हुए नहीं थकते कि किसान की आय दुगुनी हो रही है लेकिन स्थिति इसके विपरित है। किसान आत्महत्या क्यों कर रहे है? किसान इच्छामृत्यु क्यों मांग रहे है ? इसका जवाब मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की जनता को देना चाहिये। किसानों की कर्जमाफी आपका वादा है जब केन्द्र सरकार 70 हजार करोड़ रूपये का कर्जा माफ कर सकती है तो आप अनशन पर इसलिये बैठते है कि 70 हजार करोड़ का कर्जा कांग्रेस ने माफ किया है तो ये सरकार भी करे लेकिन देश के वित्त मंत्री कहते है कि एक भी पैसा नहीं मिलेगा, कर्जा माफ करना हो तो अपने साधनों से करो। अपने साधनों से यदि उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब सरकार कर्जा माफ कर सकती है मध्यप्रदेश की सरकार किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं कर सकती ? साथ ही प्रदेश सरकार को डीजल पर टेक्स कम करना चाहिये जिससे किसानों की लागत तभी कम होगी जब उसका टेक्टर चलेगा, उसके डीजल पंप चलेंगे क्योंकि बिजली तो मिलती नहीं है, डिजल पंप से खेती करना पड़ती है। डीजल पर प्रदेश सरकार भी कम करे और केन्द्र सरकार से भी कम कराये जिससे किसानों को लाभ होगा। प्रदेश को किसानों के बिजली बिल भी माफ करना चाहिये क्योंकि बिजली बिल का भारी भरकम बोझ किसानों पर है। मेरे क्षेत्र अशोक नगर में तो सैकड़ों किसानों को लम्बे चौड़े बिल दे दिये जाते है जिसे नहीं चुकाने पर बिजली काट दी जाती है। ट्रांसफार्मर, डी.पी. और तार खिच कर ले जाते है। इस प्रक्रिया को तत्काल बंद करना चाहिये क्योंकि इन कारणों से किसानों को आत्महत्या करने के लिये प्रेरित होना पड़ रहा है।

कालूखेड़ा ने मंदसौर जिले में किसानों पर हुए गोलीकांड पर चर्चा करते हुए कहा कि गोली चालन में किसानों की जो हत्या मंदसौर में हुई है उनके दोषियों का पहचान कर सजा दी जाना चाहिये। मंदसौर जिले का किसान इसलिये नाराज है कि सरकार ने अभी तक किसी को सजा नहीं दी है। मुख्यमंत्री कहते है कि न्यायिक आयोग बना है, मुख्यमंत्री यह भी कह सकते है कि सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई। लेकिन मुख्यमंत्री यह बताये कि जिस किसान को मारपीट करके हड्डिया तोड़कर खत्म कर दिया। उसके प्रत्यक्षदर्शी भी है तो आप उन पुलिस वालों को जेल क्यों नहीं भेज सकते, एफ.आई.आर. उन पर दर्ज क्यों नहीं कर सकते ? आप अगर ऐसा करेंगे तो मंदसौर ही नहीं पूरे प्रदेश के किसानों को राहत मिलेगी। मंदसौर में डोड़ाचूरा, पोस्ता और अफीम के नाम पर जो ब्लेकमेलिंग किसानों के साथ हो रही है उसकी कोई सीमा नहीं है। भागीरथ धाकड़ जो कि मुख्यमंत्रीजी से मिले थे उनको कितना प्रताड़ित किया गया, कितने लाख रूपये उनसे मांगे गये, उनकी मोटरसायकल में अफीम रखकर उनको फंसा दिया गया। इस तरह पुलिस वाले जानबूझकर लोगों के पास अफीम या कोकिन रख देते है फिर उस व्यक्ति के साथ मारपीट करते है, बड़े-बडे़ किसानों का नाम लो फिर उन किसानों से लाखों रूपयों की वसूली प्रारंभ हो जाती है।

कालूखेड़ा ने कहा कि किसानों का शोषण, उनकी बेबसी और बर्बादी उनको न तो पुलिस छोड़ती है, न ही पटवारी छोड़ता है। राजस्व विभाग में नामांतरण की परेशानी है, आपका सिटीजन चार्टर पूरी तरह फेल हो चुका है। किसानों से नामांतरण, सीमांकन के लिये पटवारी 15-15 हजार रू. मांगते है। मुख्यमंत्री ऐसे पटवारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं करते ? भारतीय जनता पार्टी की सरकार कहती है, आत्महत्या फेशन है, इससे बड़ी बैईज्जती किसानों की क्या होगी ? मध्यप्रदेश की सरकार अब किसानों को तस्कर बता रही है। जो किसान मारे गये उसमें से कितने तस्कर है, आपको यह बताना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सख्ती से किसानों के आंदोलन को कुचला जाये, आपने पुलिस को प्रेरित किया है कि वह गोली चलाये। निहत्थे किसान को जो मंदिर जा रहा था उसको मारपीट करके खत्म कर दिया और जब उसकी मृत्यु हो गई तो उसके शव को इंदौर भेज दिया। मृत्यु होने के बाद इंदौर रेफर कर दिया और उसके पिता को मुख्यमंत्रीजी भोपाल बुलाते है और उससे कहलवाते है कि आप अनशन तोड़ दीजिये। इसी प्रकार मंदसौर में एक बबलू पाटीदार है, उसको गोली लगी और वह मर गया। मृत्यु के बाद में उसको उदयपुर रेफर कर दिया, जब लोगों ने देखा कि यह तो खत्म हो गया तो जबरदस्ती लाश को पुलिस से वापस लिया, उसके पिता को भी आपने श्रद्धांजली देने के लिये भोपाल बुला लिया। अभिषेक 19 वर्ष का लड़का, उसको मारा, चेतराम पिता गणपतलाल को मारा और जो घायल हुए है वह सुरेन्द्रसिंह, मुरली, अमृतराय, रोड़सिंह और इन सब लोगों को तभी शांति मिलेगी जब आप जिन लोगों ने इनको मारा-पीटा है उनको सजा देंगे।

Sharing is caring!

Similar Articles

Leave a Reply

Top