
मंदसौर संदेश/चौमहला
(दिलीप जैन की विशेष रिपोर्ट)
‘राजस्थान का एलोरा‘ कहे जाने वाली कोलवी की गुफाएं जो की मुख्यमंन्त्री का गृह क्षेत्र होने के बावजूद सरकार से और पुरातत्व विभाग से हिफाजत मांग रही है इनकी उपेक्षा के कारण ये अनमोल होते हुए भी अपना मूल्य खो रही है और इनकी हिफाजत और जीर्णाद्धार के लिए की गई घोषणाएं और वादे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं ।
बौध्द कालीन गुफाए
झालावाड़ शहर से करीब 90 किमी दूर डग पंचायत समिति की ग्राम पंचायत हरनावदा के ग्राम कोल्वी, गुनाई, विनायका, हात्यगोड आदि गाँवो में बौद्ध कालीन गुफाएं आज भी मौजूद है जिन्हें 6ठी और 8वी सदी के बीच लैटेराइट की पहाड़ियों पर काटकर बनाया गया जिनका निर्माण बौद्ध भिक्षुओं के निवास के लिए किया जाता था कोल्वी में 50, विनायका में 24, गुनाई में 9 और हात्यगोड में भी उक्त गुफाएं आज भी मौजूद है जो अपनी बनावट के कारण अदभूत है इन बौद्ध गुफाओं में बौद्ध धर्म के हीनयान और महायान के स्थापत्य है अ यह गुफाएं अश्वनान प्रकार की हे लेटेराइट चट्टानों को कुरेदकर गुफानुमा अद्भुत आकृति प्रदान की गई जहाँ पर बौद्ध भिक्षु सोते थे और उनके लिए तकिये भी बने हुए है और साथ ही में अग्निकुंड, भगवान बुद्ध की गजरूप प्रतिमा,चक्र गंडीका, और चैत्य भी बने हुए है जो पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र है और विशालकाय भगवान बुद्ध की संरचना और स्तूप पर सुन्दर नक्काशी गुफाओं की सुंदरता को बढ़ाती है लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के कारण ऐसी अनमोल विरासत आज हिफाजत मांग रही हैं अ
बौद्ध कालीन गुफाएं बनी शराबियो की ऐशगाह और लवर पॉइंट
पुरातत्व विभाग की अनदेखी के कारण बौद्ध कालीन गुफाएं शराबियो के लिए ऐशगाह साबित हो रही है और सुरक्षा के अभाव में गुफाएं बदहाली का शिकार हो रही है और जगह जगह गंदगी का अम्बार, शराब की बोतलें का अम्बार लगा है और प्रेमी युगल भी यहाँ आकर रासलीला मना कर इन बौद्ध कालीन गुफाओं को ऐशगाह साबित कर रहे हैं जबकि विाग ने इन गुफाओं की सुरक्षा की दृष्टि से एक स्थायी और एक अस्थायी सुरक्षा गार्ड लगा रखे हैं लेकिन ये भी अपनी मनमर्जी करते है और कभी कभार ही दर्शन मात्र को ही आते है जिस कारण गुफाओं में असामाजिक तत्वों और प्रेमी युगल का आना जाना लगा रहता है और लाखों रूपये की लागत से निर्मित कॉटेज भी बदहाली का शिकार है शौचालय जीर्ण शीर्ण अवस्था में हैं, वाश बेसिन तोड़ टूटे हुए,कमरों से पंखे,स्विचबोर्ड आदि गायब है अ कमरों की दीवारें गंदगी के कारण बदरंग हो चुकी है और सुरक्षा के अभाव में हालात बहुत दयनीय हो रहे हैं ।
गुम हो गया गोल्फ का मैदान
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2007 में पर्यटकों के आकर्षण के लिए तकरीबन 67 लाख रूपये इन गुफाओं पर स्वीकृत किये गए थे जिससे गोल्फ मैदान, सौंदर्यीकरण का कार्य,जीर्णाद्धार,गार्डन आदि कार्य होने थे लेकिन सरकार के चले जाने से उक्त योजना ठन्डे बस्ते में चली गई और दुबारा सरकार आने पर भी सुध नही ली जबकि यहाँ का उद्धार किया जाये तो कई चीनी, जापानी यात्री रिसर्च के लिए आ सकते है ।
आ चुकी है कई नामी हस्तियाँ
पूर्व में इन बौद्ध कालीन गुफाओं को देखने के लिए पूर्व पर्यटन मंत्री कृष्णेन्द्र दीपा कौर, नेशनल ज्योग्राफिक चैनल के प्रतिनिधि और वर्तमान जिला कलेक्टर के मित्र अशोक गोगाना, कई मंत्री और कई राजनेता आदि आ चुके है लेकिन अभी तक सभी फोटो छाप नेता ही साबित हुए है और किये गए वादे हवा हवाई साबित हो रहे हैं और आज भी अनमोल ऐतिहासिक विरासत हिफाजत मांग रही है ।
आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑॅफ इंडिया द्वारा इसका विकास कराया जा रहा है इस विभाग द्वारा वहा नीचे गेस्ट हाउस तथा सीढियां व रेलिंग बनायी गयी, पुरातत्व धरोहर का विकास इस तरह किया जाता है कि उसका मूल स्वरूप नही बिगड़े ।
चन्दन दुबे
उपखण्ड अधिकारी गंगधार
‘मुख्य मंत्री जी ने इन गुफाओं के लिए पहले भी काफी पैसा इसके विकास के लिए दिया है ,मुख्यमंत्री जी ने कार्ययोजना में इसको ले रखा है,निश्चित ही इसका व क्यासरा महादेव तीर्थ का विकास होगा,हम इसके लिए सब प्रयासरत्न है ।
रामचन्द्र सुनारीवाल
विधायक डग क्षेत्र
गोल्फ मैदान आदि की जानकारी मुझे नही है और यदि गुफाएं असामाजिक तत्वों की ऐशगाह बनी हुई है तो में सुरक्षा गार्ड को पाबंद करता हूँ ।
सुरेश कुमार
सहायक संरक्षण अधिकारी
पुरातत्व विभाग कोटा
कोलवी की बोध गुफाएं पुरातत्व धरोहर है सरकार को इसकी सार संवार करनी चाहिए ।
सलामत अली, पूर्व सदर
बोध गुफाओं का विकास हो ताकि पर्यटक इसकी ओर आकर्षित हो,असमाजिक लोगो के जमावड़े पर अंकुश लगे ।
रतनलाल राठौर, एडवोकेट