
भोपाल। शिवराज का मंत्रिमंडल विस्तार और 2 जून को नए मंत्रियों को शपथ दिलाने का मामला एक बार फिर टल गया है। मंत्रिमंडल विस्तार के टलने का कारण भाजपा विधायकों में मंत्री पद को लेकर मची खिंचतान बताया जा रहा है, यह मामला दिल्ली के दरबार पहुंचा और मंत्रिमंडल विस्तार को आगे बढ़ा दिया गया। पहले खबर यह थी कि सिंधिया के 6 समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है लेकिन अब कांग्रेस से आए 12 पूर्व विधायकों को मंत्री बनाने के कयास लगाए जा रहे है। इनमें से 2 पहले ही शपथ ले चुके है। कुल मिलाकर देखा जाए तो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए 22 में से 14 पूर्व विधायक शिवराज मंत्रिमंडल के मंत्री हो सकते है।
इस बार शिवराज की राह नहीं है आसान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का पिछले 3 कार्यकाल को देखा जाए तो वह बगैर रोकटोक सरकार चलाते थे लेकिर यह पहली बार हो रहा है कि शिवराज अपनी मन की नहीं कर पा रहे है। माना जा रहा है कि इस बार मध्यप्रदेश के फैसले राष्ट्रीय नेतृत्व भी कर रहा है। अगर शिवराज मंत्रिमंडल के गठन का दायित्व अकेले शिवराज पर होता तो कबका मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका होता।
किसको पकड़े…किसको छोड़े
इस बार भाजपा के सामने दिक्कतों का पहाड़ खड़ा हो गया है, हालत यह हो गई है कि किसको पकड़े…और किसको छोड़े । पूर्व मंत्रियों के अलावा करीब एक दर्जन विधायक भी मंत्री बनने का दावा कर रहे है। अब संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री 6 या 7 जून को दिल्ली जा सकते हैं। केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि मुख्यमंत्री उनके पास फाइनल लिस्ट लेकर आएं। उनमें एक-दो नामों को बदलने की गुंजाइश हो सकती है।