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SC में बोला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड: निकाहनामे में तीन तलाक न मानने की शर्त जोड़ सकती है महिला

नई दिल्ली । तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एफिडेविट फाइल किया है। इसमें कहा गया है कि वो तीन तलाक को रोकने की पूरी कोशिश करेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एफिडेविट में कहा है कि महिला अगर चाहे, तो निकाह के समय ही निकाहनामे में ये शर्त जोड़ सकती है कि वो तीन तलाक के आधार पर तलाक नहीं स्वीकार करेगी।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इससे पहले तीन तलाक के विषय पर किसी भी हस्तक्षेप का विरोध करता रहा है। पर तीन तलाक के विरोध में 6 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पूछा कि वो तीन तलाक जैसी अमानवीय व्यवस्था को रोकने के लिए क्या करेगा। उसी के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये एफिडेविट फाइल किया है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस नए एफिडेविट में कहा कि वो तीन तलाक को रोकने की कोशिश करेगा। साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये भी कहा कि शरियत के हिसाब से महिला निकाह के समय तीन तलाक को न मानने की शर्त भी रख सकती है।

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