
जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को उन्हें उपमुख्यमंत्री पद और प्रदेशाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया। पद से हटाए जाने पर पायलट ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
मैं अभी भी कांग्रेस में हूं, भाजपा में नहीं जा रहा
सचिन पायलट ने कहा कि मुझपर आरोप लग रहे हैं कि मैं भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराना चाहता हूं। भाजपा से मिलकर सरकार गिराने की बात करना गलत है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी ही पार्टी के खिलाफ ऐसा काम क्यों करूंगा।
पायलट ने कहा कि मैं अभी भी पार्टी में हूं। आगे के कदम के लिए अपने समर्थकों के साथ बातचीत करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं अभी भी कांग्रेस में हूं, भाजपा में नहीं जा रहा हूं। पायलट ने कहा कि राजस्थान की जनता के लिए काम करना जारी रखूंगा।
मैंने देशद्रोह कानून हटाने की मांग की, लेकिन उसे मुझ पर ही प्रयोग किया गया
सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि मुझे राजस्थान में काम करने नहीं दिया गया। मेरे पास किसी भी परियोजना से जुड़ी फाइलें नहीं आती थीं। उन्होंने कहा कि मैंने देशद्रोह कानून हटाने की मांग की, लेकिन उसे मेरे ही खिलाफ प्रयोग किया गया।
कांग्रेस के भीतर बातचीत का मौका नहीं दिया गया
सचिन पायलट ने कहा कि कैबिनेट कांग्रेस की बैठक का आयोजन महीनों तक नहीं किया गया। मैंने गहलोत जी के सामने इन सभी मुद्दों को रखा। पायलट ने कहा कि कांग्रेस के भीतर बातचीत का मौका नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि ऐसा पद होने का कोई फायदा नहीं है, जब मैं जनता को किए वादे पूरे ना कर सकूं। मैंने पांच साल तक कड़ी मेहनत की, ताकि कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो। उन्होंने कहा कि लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में आई तो उसने कोई भी वादा पूरा नहीं किया।
मुझे विकास का काम करने का मौका नहीं दिया गया
सचिन पायलट ने इंडिया टुडे मैगजीन को दिए साक्षात्कार में कहा है, मैंने किसी भी विशेष ताकत की मांग नहीं की। मैं केवल इतना चाहता था कि सरकार अपने वादे पूरे करे। उन्होंने कहा कि मुझे विकास का काम करने का मौका नहीं दिया गया।
पायलट ने सीएम गहलोत पर आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया। अफसरों को मेरे आदेश ना मानने को कहा गया। उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई भी फाइल नहीं आती थी।