
भोपाल। 5 साल पहले तक एडमिशन के लिए लाखों रुपए के डोनेशन वसूलने वाले प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज अब बंद होने की कगार पर आ गए हैं। काउंसलिंग के पहले चरण में जहां 90 प्रतिशत सीटें भर जाया करतीं थीं, अब 84 प्रतिशत सीटें खाली रह गईं हैं। काउंसलिंग में जितने भी छात्र आए, ज्यादातर को सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन मिल गया। इंजीनियरिंग काेर्स संचालित सरकारी व सेल्फ फाइनेंसिंग कॉलेजों में सिविल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई), इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (ईसी), इलेक्ट्रिकल सहित 18 ब्रांच की सीटों में आवंटन 100% रहा है।
इधर हालत यह है कि प्राइवेट कॉलेजों में मैकेनिकल की 90 फीसदी, ईसी की 89 और सिविल व इलेक्ट्रिकल की 88% सीटें आवंटन के बाद खाली हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग ने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) के लिए चल रही ऑनलाइन काउंसलिंग के पहले चरण में च्वाइस फिलिंग करने वाले छात्रों का अलाॅटमेंट जारी कर दिया है। पहले चरण में सरकारी कॉलेजों में 97% व निजी कॉलेजों में केवल 16% सीटें आवंटित हुई हैं। इसके बाद सरकारी कॉलेजाें में 3 फीसदी व प्राइवेट में 84 फीसदी सीटें खाली बची हैं। इसके बाद नहीं लगता कि अब भीड़ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों की तरफ आएगी।
निजी कॉलेजों में पहले अलॉटमेंट के बाद स्थिति
ब्रांच: सिविल, सीट: 11814, अावंटन: 1396, खाली : 10418
ब्रांच: सीएसई, सीट: 14134, अावंटन: 4172, खाली : 9962
ब्रांच: ईसी, सीट: 11223, अावंटन: 1258, खाली : 9965
ब्रांच: इलेक्ट्रिकल, सीट: 1890, अावंटन: 231, खाली: 1659
ब्रांच: मैकेनिकल, सीट: 16020, अावंटन: 1603, खाली :14417
ब्रांच: आईटी, सीट: 3387, अावंटन: 732, खाली : 2655
कुल सीट – 70,604
कुल रजिस्ट्रेशन व च्वाइस फिलिंग – 18908
कुल आवंटन – 17905