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निंबाहेड़ा के सीमेंट प्लांट में ईंधन बनेगा प्रतापगढ़ शहर का कचरा

जिला कलक्टर नेहा गिरि एवं सभापति कमलेश डोसी के खास प्रयासों से मिली सफलता

प्रतापगढ़ । गीले कचरे से जैविक खाद बनाने के बाद अब प्रतापगढ़ नगर परिषद ने सूखे कचरे के निस्तारण की तरफ बड़ा कदम बढाया है। प्रतापगढ़ शहर में घर-घर जाकर संग्रहीत किया जा रहा  सूखा कचरा अब वंडर सीमेंंट के निंबाहेड़ा स्थित प्लांट में जलाया जाएगा। एक तरफ कचरे से फैलने वाली गंदगी व बीमारियों से निजात की दिशा में यह महत्वपूर्ण होगा, वहीं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह पहल खास साबित होगी। इस तरह की पहल करने वाला प्रतापगढ़ देश में आदिवासी क्षेत्र का पहला नगर निकाय है। प्रदेश में भी इस तरह की पहल करने वाला प्रतापगढ़ पहला नगर निकाय है।

जिला कलक्टर नेहा गिरि एवं सभापति कमलेश डोसी के विशेष प्रयासों से शुक्रवार को नगर परिषद एवं वंडर सीमेंट लिमिटेड के बीच मिनी सचिवालय सभागार में इस संबंध में एमओयू हुआ। नगर परिषद की ओर से सभापति कमलेश डोसी व आयुक्त अशोक जैन तथा वंडर सीमेंट लिमिटेड की ओर से जनरल मैनेजर (मैटेरियल्स) राकेश सिंह ने हस्ताक्षर किए। एमओयू के मुताबिक, प्रतापगढ नगर परिषद की ओर से डोर टू डोर कलेक्शन से इकट्ठा किया जा रहा सूखा कचरा कांपेक्ट कर नगर परिषद द्वारा वंडर सीमेंट के निंबाहेड़ा स्थित प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। वहां वंडर सीमेंट की ओर से ईंधन के तौर पर यह कचरा जलाया जाएगा।

जिला कलेक्टर नेहा गिरि ने बताया कि देश की स्मार्ट सिटी‘ज को छोड़ दें तो संभवतः यह पहला शहर है, जहां इस तरह की पहल की जा रही है। नगर  परिषद पहले ही  घर-घर जाकर कचरा एकत्रा कर रही है और सूखे व गीले कचरे को अलग-अगल कर गीले कचरे से आर्गेनिक खाद बनाई जा रही है। अब इस एमओयू के बाद सूखे कचरे व प्लास्टिक कचरे आदि का भी समुचित निस्तारण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मापदंडों के अनुसार ही है और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम साबित होगा। इस प्रकार प्रतापगढ पहली नगर परिषद बन गई है जो समस्त कचरे को सूखे व गीले कचरे में विभक्त कर उसका समुचित निस्तारण कर रही है। उन्होंने बैठक में मौजूद परिषद सभापति, जनप्रतिनिधियों व वंडर सीमेंट प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रतापगढ़ के इतिहास का बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस संबंध में टाइमलाइन के मुताबिक काम करें ताकि जल्दी से जल्दी इस  पहल का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि जिले की छोटी सादड़ी नगर पालिका में भी इस तरह का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश की अन्य नगर निकायों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।

सभापति कमलेश डोसी ने बताया कि शहर में इस तरह का ड्राई वेस्ट मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा, जिसमें उपयोगी कचरे को पृथक किया जाएगा और उसे कांपेक्ट कर वंडर सीमेंट के प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने इस एमओयू में जिला कलक्टर नेहा गिरि के खास प्रयासों की सराहना  करते हुए कहा कि प्रधानमंत्रा नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्रा वसुंधरा राजे की मंशा के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन में प्रतापगढ़ पहले ही अग्रणी शहर है तथा घर-घर कचरा निस्तारण के साथ-साथ गीले कचरे से आर्गेनिक खाद बनाया जा रहा है, जिसका उपयोग खेती में हो रहा है। उन्होंने वंडर सीमेंट लिमिटेड के वाइस चैयरमैन विमल पाटनी के साथ-साथ स्वच्छता कार्यक्रम में सहयोग करने वाले परिषद के जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारियों, नागरिकों की भी सराहना की।

वंडर सीमेंट के जनरल मैनेजर (मैटेरियल्स) राकेश सिंह ने कहा कि सामाजिक सरोकार के क्षेत्रा में इस तरह का जुड़ाव उनके लिए भी सौभाग्य की बात है। उनका यह प्रयास रहेगा कि प्रत्येक गतिविधि टाइमलाइन के मुताबिक हो तथा शहर के लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिले।

इस दौरान एडीएम हेमेंद्र नागर, पूर्व पार्षद मदन लाल जैन, डिप्टी मैनेजर (मैटेरियल्स) मोहित कुमार शर्मा,  राजस्थान प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर नवीन व्यास, सृजन सेवा संस्थान की श्वेता व्यास, धीरज, पार्षद माला चनाल, उत्सव जैन, सूरज धाबाई, नीता सालगिया, गायत्रा शर्मा, थमीस मोदी,  श्याम  सुंदर पालीवाल, आशीष चतुर्वेदी, रितेश सोमानी, चेतना, संजय जैन, ओमप्रकाश राठौर, देवीलाल मीणा, मुकेश नागर सहित अधिकारी,  कर्मचारी, जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

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