
इंदौर । आयोजन बड़ा हो या छोटा, आमतौर पर हर किसी की नीयत टैक्स बचाने की रहती है लेकिन माहेश्वरी समाज ने सारी धारणाएं तोड़कर मिसाल कायम की है। 12 साल बाद होने जा रहा समाज का अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन पूरी तरह कैशलेस होगा। देश के विकास के लिए योगदान देने के उद्देश्य से लिए गए इस निर्णय से डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की राशि राज्य और केंद्र सरकार के खाते में जाएगी। इसके लिए अस्थायी जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर भी लिया है। सारी राशि ऑनलाइन ली गई और भुगतान भी ऑनलाइन किया जा रहा है।
अब तक हुए रजिस्ट्रेशन से ही जीएसटी के जरिए 80 लाख रुपए सरकार के खाते में जमा कराए जा चुके हैं। 4 से 7 जनवरी को जोधपुर में होने वाले इस अधिवेशन में करीब 50 हजार समाजजन 22 देशों से एकत्रित होंगे। यह पहला ऐसा मौका होगा जब कोई समाज समाजजन से रजिस्ट्रेशन के साथ ही जीएसटी भी वसूल रहा है। रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में प्रति व्यक्ति एक हजार और उस पर जीएसटी के 18 प्रतिशत के हिसाब से 180 रुपए सहित 1180 रुपए लिए जा रहे हैं। अखिल भारतवर्षीय महासभा के सभापति श्याम सोनी का कहना है कि टैक्स चुकाने को लेकर प्रेरित करने के लिए समाज एक अभियान भी चला रहा है।
शहर से 500 लोग होंगे शामिल
अधिवेशन में इंदौर के करीब 500 लोग शामिल होंगे। राष्ट्रीय समिति के सदस्य रामस्वरूप मूंदड़ा और कार्यकारिणी सदस्य महेश तोतला ने बताया कि इंदौर के सभी सदस्य एक वेशभूषा में शामिल होंगे। पश्चिमी मध्य प्रदेश के 16 जिलों के 1500 लोग हिस्सा लेंगे। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूरोप, पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित 22 देशों के लोग शामिल होंगे। आयोजन पर 12 करोड़ की राशि खर्च होगी। एक हजार रुपए के रजिस्ट्रेशन शुल्क में समाज की धर्मशाला और पंडाल, आवास और भोजन आदि की व्यवस्था कराई जाएगी।
टैक्स चुकाने के लिए अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर
80 लाख रजिस्ट्रेशन राशि पर अब तक चुकाए। 12 करोड़ से अधिक राशि होगी खर्च। 22 देशों के 50 हजार लोग जुटेंगे। 30 हजार से अधिक कमरे का उपयोग होगा। 100 से अधिक होटल और 70 सामाजिक भवन आरक्षित 04 किलोमीटर के दायरे में फैला आयोजन स्थल।