
संगठन मंत्री को घेरा दस मंडल अध्यक्षों ने…!
मंदसौर संदेश/मंदसौर
लेखक-विजय शर्मा
मंदसौर जिले को न जाने किसकी नजर लग गई है । सत्ता से लगाकर संगठन एवं जनप्रतिनिधियों का भी विरोध होने लगा है । विधायकों की कारगुजारियाँ तो मुख्यमंत्री से छिपी नहीं है क्योंकि अब मुख्यमंत्री के सामने मंदसौर जिले में तीन विधान सभा क्षेत्र मल्हारगढ़, मंदसौर एवं सुवासरा तीनों में किसान आंदोलन को लेकर विधायकों की कलाई खुल गई है । तो वहीं सार्वजनिक रूप से पहली बार किसान आंदोलन को लेकर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह की कुटाई से जिला प्रशासन की भी कलाई खुल गई है ।
मप्र के मुख्यमंत्री के सामने जितनी लोकप्रियता की बखान विधायक करा रहे थे सारी लोक प्रियता विधायकों की बोरी में भरा गई और सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में तो स्थिति यह तक हो गई कि पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार की गाड़ी में आग लगा दी और किसानों ने उसकी भी पिटाई कर दी । सुवासरा विधानसभा क्षेत्र पर विधायक जगदीश देवड़ा के जाने के बाद ऐसी नजर लगी है कि राधेश्याम पाटीदार एक बार विधायक बनने के बाद जो चंडाल चौकड़ी के घेरे में आये थे उस घेरे में से नहीं निकलने के कारण दूसरी बार स्वयं भाजपा के कार्य-कर्ताओं ने उन्हें बोरी में भरकर घर भेज दिया ।
वर्तमान में भी जिला पंचायत चुनाव से लगाकर अन्य कार्यक्रमों में जहां राधेश्याम पाटीदार सक्रिय होते है कि उनकी कुण्डली में राजनीति बाहर निकल जाती है और विवादों के घेरों में आ जाते है । जिला पंचायत के चुनाव में भी गुणवंत पाटीदार को टिकिट दिलाना एवं ाजपा अध्यक्ष एवं सांसद सुधीर गुप्ता की पेटियों से सौदा कराने तथा टिकिट बेचने के नाम से दोनों नेता मंदसौर से लगाकर भोपाल तक के गलियारों में कई दिनों तक सुर्खियों में रहे…!
प्रदेश भाजपा से संगठन को लेकर मंदसौर नगर को दो मण्डलों में विभाजित किया उŸार एवं दक्षिण । लम्बे समय तक दोनों मण्डल भंग रहे और वापस दोनों मण्डल में नियुक्तियां हुई । दक्षिण मण्डल में नियुक्ति को लेकर विधायक के असंतोष के बाद वाट्सअप पर सूचना डाली गई कि दक्षिण मण्डल की नियुक्ति पुनः रद्द कर दी गई है लम्बे समय से यह विवाद चलता रहा उसके बाद वापस दक्षिण मण्डल पर उसी व्यक्ति की नियुक्ति बहाल की गई । मण्डल के गठन को लेकर तगड़ा विवाद चल रहा है । वैसे संगठन ने नाम तय कर रखे है परन्तु मण्डल के पदाधिकारियों के गठन को लेकर कई कार्यकर्ताओं को पांव में संगठन के नेताओं ने घूंघरू बांध रखे है । कोई अपने आप को महामंत्री ! तो कोई अपने आप को संगठन मंत्री ! तो कोई उपाध्यक्ष ! तो कोई कार्यालय मंत्री ! तो कोई प्रवक्ता कहने लगा है ! परंतु नियुक्तियां किसी की नहीं हुई है..!
यहां तक कि संगठन में भरकम भारी महामंत्री के दरवाजे पर लोग पद प्राप्त करने के लिए हाजिरी भरने जा रहे है तो वहीं भरकम ारी महामंत्री के घर पर शासकीय मशीनरी के कर्मचारी से लगाकर अधिकारी भी हाजिरी देने में पीछे नहीं हट रहे है । इन तमाम परिस्थितियों को लेकर संगठन में बड़ा विवाद चल रहा है । सिर्फ गरोठ विधानसभा क्षेत्र के मण्डल अध्यक्षों को छोड़कर सुवासरा, मंदसौर एवं मल्हारगढ़ के मण्डल अध्यक्ष प्रारी संगठन महामंत्री श्री जोशी से मिले और उन्होंने संगठन के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के खिलाफ असंतोष जाहिर करते हुए अनुपयोगी दखलअंदाजी करने का आरोप लगा रहे है तो वहीं कुछ मण्डल अध्यक्षों ने प्रभारी संगठन मंत्री श्री जोशी को यह भी कहा कि संगठन के कुछ पदाधिकारी जमीनी कार्यकर्ताओं को रूतबा बताकर अपना रौब झाड़ना चाहते है । कागजी कार्यवाही में संगठन ऐसा चल रहा है कि जैसे कि कांग्रेस शिवना, चम्बल और रेतम नदी में बहा दिया हो ।
तो वहीं सुधीर गुप्ता पर लगातार आरोप लग रहे है कि वह कांग्रेस में लम्बे समय से कांग्रेस शासन का लुत्फ उठाने वाले लोगों को अपना प्रतिनिधि बना रहे है एवं सरकारी विभागों में उन्हें प्रतिनिधि के रूप में मनोनित करवा रहे है…!
संगठन की लगाम किसी पर नहीं है परन्तु संगठन भी अपने आप में फूल कर कुप्पा हो रहा है कि उसकी लगाम से विधायक, सांसद सभी तिलमिला रहे है । परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं है । संगठन बिना विधायक एवं सांसद की सहमति के बगैर किसी को भी नियुक्त नहीं कर सकता । याने कि जमीनी कार्यकर्ता झंडा तोकने और जय-जय श्रीराम के नारे लगाने और जहां बलिदान हुए मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है….के ही नारे लगाते रहेंगे…!
वहीं दूसरी ओर संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने तो अपना चुनावी क्षेत्र चुन लिया है । कोई कहता है कि मेरा मंदसौर से लड़ना तय है, अगर कोई मजबूरी हुई तो सुवासरा से लड़ूंगा…! तो वहीं दूसरी ओर सांसद सुधीर गुप्ता नीमच, मंदसौर, सुवासरा एवं गरोठ का दावा भर रहे है, चार विधानसभा में किसी भी एक विधानसभा से विधायक का चुनाव लडूंगा!
(लेखक दैनिक मंदसौर संदेश के वरिष्ठ पत्रकार है)