
नई दिल्ली, 06 जनवरी। कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहे भारत में दुनिया के सबसे बडे़ टीकाकरण अभियान की शुरुआत मकर संक्रांति से हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह संकेत दिया है कि आगामी 14 जनवरी से देशभर में एक साथ पहला वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जा सकता है। पूर्वाभ्यास से मिले आंकड़ों के आधार पर मंत्रालय तैयार है। हालांकि, टीकाकरण का आखिरी निर्णय सरकार को लेना है।
मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, देश में कोविशील्ड और कोवाक्सिन टीकों के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति तीन जनवरी को दी गई। अनुमति की तारीख से 10 दिन में टीकाकरण शुरू किया जा सकता है। मंत्रालय की तैयारी अब पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा, देश में दो अलग-अलग चरणों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा चुका है। पहले चरण के तहत चार राज्यों के सात जिलों में पूर्वाभ्यास किया गया।
वहीं, दूसरे चरण में 125 जिलों के 286 केंद्रों पर पूर्वाभ्यास किया गया था। भूषण ने कहा, पूर्वाभ्यास के दौरान कोई बड़ी खामी नजर नहीं आई है। इन्हीं प्रतिक्रियाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय अब टीकाकरण को लेकर पूरी तरह से तैयार है। एक टीकाकरण टीम में पांच सदस्य होंगे। बीते तीन जनवरी को भारतीय औषधि महानियंत्रक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड और भारत बायोटेक कंपनी के कोवाक्सिन टीकों को विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी थी।
टीकों का भंडारण: देश में चार प्राइमरी स्टोर, 37 राज्यस्तरीय केंद्र
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में चार प्राइमरी वैक्सीन स्टोर बनाए हैं। ये करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में हैं, जहां सबसे पहले टीका पहुंचेगा। देशभर में 37 राज्य भंडारण केंद्र हैं। हर राज्य अपने अपने भंडारण केंद्र से टीकों को सड़क मार्ग के जरिए ब्लॉक और जिला स्तर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाएगा।
स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस, सैनिक, निगम कर्मियों के लिए जरूरी नहीं पंजीयन
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि टीकाकरण शुरू होते ही किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को कोविन वेबसाइट पर जाकर पंजीयन कराने की जरूरत नहीं है। पुलिस, सेना जवान, नगर निगम कर्मचारी इन सभी की जानकारी सरकार के पास है। इन्हें अलग से पंजीयन की आवश्यकता नहीं है।