
नई दिल्ली । राज्यसभा में आज तमाम दलों के नेताओं ने सभापति के रूप में हामिद अंसारी के कार्यकाल की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इस दौरान सूझबूझ से सदन का संचालन किया तथा कई महत्वपूर्ण अवसरों पर उनके अनुभव का सदन को लाभ मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने सदन संचालन में उनके लचीले रुख को भी रेखांकित किया।
सभापति के रूप में दस वर्ष का आज कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर अंसारी ने सदन के संचालन में सहयोग के लिए सभी दलों के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू राजग उम्मीदवार के रूप में उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। नए सभापति के रूप में नायडू का शुक्रवार को उच्च सदन में स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अंसारी की सेवाओं की सराहना करते हुए राष्ट्र और दोनों सदनों की ओर से उनका आभार जताया और उन्हें आगे के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ जीवन की कामना की।
मोदी ने कहा कि सभापति के रूप में अंसारी की दीर्घकालिक सेवा सराहनीय रही है और उन्हें भरोसा है कि सेवानिवृत्ति के बाद अंसारी अवश्य नए क्षेत्र की ओर जाएंगे। उन्होंने कहा कि अंसारी की पृष्ठभूमि एक महत्वपूर्ण परिवार से रही है। अंसारी एक राजनयिक भी रहे हैं और मुझे प्रधानमंत्री बनने के बाद पता चला कि असल में एक राजनयिक की भूमिका क्या होती है। उनके शब्दों, उनके हाथ मिलाने के तरीके, हर चीज का एक अलग मतलब होता है। अंसारी के कार्यकाल का एक लंबा हिस्सा पश्चिम एशिया से जुड़ा रहा। मोदी ने कहा कि अंसारी के पास सभापति के रूप में 10 साल तक एक अलग तरह का जिम्मा रहा जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। आज सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मुक्ति का एक आनंद भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपसे (अंसारी) जब भी मेरी मुलाकात होती थी, आपकी अंतर्दृष्टि का मुझे अनुभव होता था।’’ उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में, राज्यसभा के सभापति के रूप में आपकी सेवाओं के लिए राष्ट्र की ओर से, दोनों सदनों की ओर से आपका (अंसारी) बहुत-बहुत आभार, आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
सदन के नेता एवं वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अंसारी से कहा कि आज एक महत्वपूर्ण अवसर है। आज हम आपको विदायी दे रहे हैं। सभापति के रूप में आपके 10 साल के सराहनीय कार्यकाल के लिए आपको बधाई। उन्होंने कहा कि आपने (अंसारी) उपराष्ट्रपति पद के अलावा कई महत्वपूर्ण समितियों और आयोगों की अध्यक्षता भी की। आपने अलग-अलग भूमिकाएं निभाई हैं। सभापति का कर्तव्य चुनौतीपूर्ण होता है। 1950 और 60 के दशक की तुलना में आज सदन का चरित्र बदला हुआ है। यह राज्यों में दलों की क्षमता को दर्शाता है। इस सदन का स्वरूप कई बहस और विवादों से जुड़ा, लेकिन आपने देखा होगा कि सहमति की स्थिति भी बनी है।
जेटली ने कहा कि आपकी (अंसारी) भूमिका में लचीलापन सराहनीय रहा है। सभापति का कार्यकाल ऐसा होता है जिसमें वाहवाही नहीं मिलती है। आपके कार्यकाल में व्यवधान भी रहे, लेकिन उच्च दर्जे की बहस भी हुईं। आप इस सदन की बहुत सी स्मृतियों के साथ सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना।
सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सभापति के रूप में और अन्य भूमिकाओं में अंसारी की सेवाओं के लिए उनकी सराहना की और कहा कि सभी के साथ उनके अच्छे संबंध रहे हैं। आजाद ने अंसारी की पूर्व की भूमिकाओं को याद करते हुए कहा कि आप इंदिरा गांधी के बहुत ही कामयाब ‘चीफ ऑफ प्रोटोकाल’ रहे। मुझे आपसे मिलने का मौका तब मिला जब आप सऊदी अरब में राजदूत थे। जब आप अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति थे तो आपके काम को पूरे देश में सराहा गया। आपने किताबें लिखीं, आपको कई देशों और विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियां भी मिलीं, लेकिन आपने कभी उनका इस्तेमाल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि आप (अंसारी) एक खिलाड़ी भी रहे। आप गोल्फ खेलते थे, अब आप फिर से गोल्फ खेल सकते हैं। मैं भी गोल्फ खेलता था, लेकिन सात-आठ साल से यह छूट गया है। उम्मीद करता हूं कि स्थाई सेवानिवृत्ति के बाद मैं भी आपके साथ गोल्फ खेल पाऊंगा। आजाद ने कहा कि आपने पिछले 10 साल में जिस तरह से सदन चलाया है, वह सराहनीय है। उन्होंने अंसारी की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।