
नई दिल्ली। चार साल बाद ही सही आखिर केंद्र सरकार इस बात पर राजी होती दिख रही है कि विश्व प्रसिद्ध बोध गया मंदिर की सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ कमांडो तैनात किए जाए।
इस सारी कवायद में बीस करोड़ रुपये सालाना का खर्च आएगा। माना जा रहा है कि बिहार सरकार इस खर्च को अपने खजाने से वहन करेगी। सात जुलाई 2013 को मंदिर के भीतर व आसपास कई धमाके हुए थे।
इनमें दो भिक्षुक जख्मी हो गए थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने मंदिर की सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ कमांडो तैनात करने की मांग केंद्र सरकार से की थी। उसके बाद से ही इस विषय पर मंथन चल रहा था।
सूत्रों का कहना है कि लगातार बैठकों के बाद से इस बात पर सहमति बनी कि विश्व की इस धरोहर को केंद्र सुरक्षा प्रदान करेगी। अगले एक या दो माह के भीतर इस पर अंतिम निर्णय हो सकता है।
इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व की धरोहर में शामिल किया है। उच्च स्तरीय बैठकों में यह बात मानी गई कि हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक सम्राट अशोक के द्वारा बनाए गए मंदिर को देखने आते हैं।
उनकी व मंदिर की सुरक्षा के लिए 150-200 कमांडो तैनात करने जरूरी हैं। मंदिर का महत्व इस वजह से भी है, क्योंकि भगवान बुद्ध को यहां पर ही ज्ञान मिला था।
2013 में हुए बम धमाकों के बाद सारा गया दहल गया था। तब से इस बात की जरूरत महसूस की जा रही है कि अनूठे मंदिर की सुरक्षा पुख्ता हो।