
भोपाल। स्मार्ट सिटी की तर्ज पर प्रदेश में मिनी स्मार्ट सिटी बनाई जाएगी। 15 मई को नर्मदा सेवा यात्रा के समापन के मौके पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरकंटक को पहली मिनी स्मार्ट सिटी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अमरकंटक समेत प्रदेश के 12 शहरों में मिनी स्मार्ट सिटी की गाइडलाइन तैयार कर ली है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के द्वितीय चरण में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान स्मार्ट सिटी के लिए रखा गया है। विभाग के ईएनसी प्रभाकांत कटारे ने बताया कि सभी 12 शहरों को 25-25 करोड़ रुपए मिलेंगे। 12 में से तीन अमरकंटक, ओरछा और मैहर शहर होंगे, जबकि बाकी 9 का चयन प्रतियोगिता के जरिए होगा। चयन के बाद प्रस्ताव में बताए गए कामों को दो सालों में पूरा करना होगा। केंद्र की स्मार्ट सिटी वाले सभी मापदंड यानी ई सेवाएं, ई गवर्नेंस, हाउसिंग प्रोजेक्ट में कमजोर वर्ग का शामिल करना व पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि रखने होंगे।
केंद्र की स्मार्ट सिटी में एक हजार करोड़ – केंद्र के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हर शहर को केंद्र व राज्य एक हजार करोड़ रुपए दे रहे हैं, जबकि मप्र में मिनी स्मार्ट सिटी को सिर्फ 25 करोड़ रुपए। इतनी कम राशि पर विशेषज्ञों ने मिशन की कामयाबी पर सवाल भी उठाए हैं। हालांकि, विभाग के अफसरों का कहना है कि यदि और रकम की जरुरत पड़ती है तो म्यूनिसिपल बांड्स, कर्ज और केंद्र व राज्य की अन्य स्कीमों से इंतजाम किया जाएगा।
24 में से 9 शहरों का होगा चयन
देवास, रतलाम, रीवा, कटनी, सिंगरोली, बुरहानपुर, खंडवा, भिंड, छिंदवाड़ा, गुना, शिवपुरी, विदिशा, छतरपुर, दमोह, मंदसौर, नीमच, पीथमपुर, होशंगाबाद, इटारसी, सीहोर, बैतूल, सिवनी, दतिया और नागदा।
अमरकंटर की मिनी स्मार्ट सिटी में यह होगा
अमरकंटक में मिनी स्मार्ट सिटी के तहत रामघाट के विकास, उद्यम स्थल के पानी के प्रवाह और गुणवत्ता के सुधार के लिए कैचमेंट का सरंक्षण और नर्मदा के दोनों और वॉक वे, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधा सेंटर आदि को शामिल किया गया है।