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स्वधर्म का परित्याग समस्याएं बढ़ाता हैः स्वामी श्री अनन्त देव गिरि जी

गीता ज्ञान महोत्सव सत्संग, केशव सत्संग भवन में जारी

मंदसौर संदेश/मंदसौर

लोभ, मोह, विषाद, रोग, काम यह मुक्ति मार्ग में बाधक व्याधियां हैं इन पर नियंत्रण करना चाहिये। गीता भाष्य में श्री कृष्ण -अर्जुन संवाद इसी पर केन्द्रित हैं और ईश्वर ने मानव मात्र को लक्षित करते हुए उपदेषित किया है। हम सुनते हैं पढ़ते हैं परन्तु स्वधर्म का परित्याग कर रहे है इससे समस्याएं बढ़ी हैं इस आशय के उद्गार महामण्डलेष्वर श्री वामदेव ज्योर्तिमठ वृंदावन के विद्वान संत स्वामी श्री अनन्त देव गिरि जी महाराज ने व्यक्त किये।

स्वामी जी कथा प्रवचन चातुर्मास सत्संग खानपुरा के केषव सत्संग भवन में प्रतिदिन जारी है। बुधवार के गीता ज्ञान सत्संग में स्वामी श्री अनन्तदेव गिरि महाराज ने कहा कि आपके -हमारे व्यवहार का लक्ष्य सुख जाये नहीं और दुःख आये नहीं पर ही केन्द्रित है यह समूचा व्यवहार और क्रिया अन्य आश्रित है। इसी स्थिति में भ्रम उत्पन्न हो रहा है। उपासना और ज्ञान के अन्तर को नहीं समझ पा रहे हैं। ज्ञान योग, कर्म योग और भक्ति योग ईश्वरीय तत्व प्राप्ति के मार्ग हैं। चर्म चक्ष -मानस चक्षु – दिव्य चक्षु से उपर उठकर हमें ज्ञान चक्षु से मनन करें भक्ति बिना अभिष्ठ सिद्ध नहीं हो सकता। आपका व्यवहार अच्छा है या बुरा यह मानव के अंतस्थ के आधार पर होता हैं। यही भाव संवाद के माध्यम से श्री कृष्ण -अर्जुन के माध्यम से स्पष्ठ हुआ है। ईष्वर आपका कल्याण चाहते हैं यही गीता ज्ञान से सामने आया है परन्तु हमें पात्र बनना होगा, चेष्ठा करनी होगी। गीता कर्म और कर्तव्य पथ से विमुख नहीं करती अपितु सद्मार्ग के लिये प्रेरित करती है।

महामण्डलेष्वर को ‘‘उत्थान ‘‘ प्रति भेंट

गीता सत्संग उपरान्त केषव सत्संग भवन में महामण्डलेष्वर स्वामी श्री अनन्त देव गिरि जी महाराज को आलेख और कविता संकलन पुस्तक ‘‘उत्थान‘‘ की प्रति संपादक डॉ घनष्याम बटवाल ने श्रद्धा और सम्मान के साथ समर्पित की। ‘‘उत्थान‘‘ में षिक्षा विद् मोहनलाल भटनागर के आलेख एवं कविताएं संकलित है। इस अवसर पर स्वामी श्री मीतानन्द जी, श्री हरि चेतन जी, गीता भवन स्वर्गाश्रम ऋषिकेष पूर्व प्रबन्धक गौरीशंकर मोहता, ऋषियानन्द ट्रस्ट अध्यक्ष ओमप्रकाश पोरवाल, चैतन्य आश्रम ट्रस्ट अध्यक्ष प्रहलाद काबरा, चातुर्मास आयोजन समिति अध्यक्ष सत्यनारायण गर्ग, केषव सत्संग भवन ट्रस्ट अध्यक्ष जगदीश चन्द्र सेठिया, चितौड़गढ़ समिति प्रमुख पूर्णा षंकर त्रिपाठी, प्रभाकर त्रिपाठी, उज्जैन समिति प्रमुख दिनेश शर्मा, नीमच समिति प्रमुख तुषार पुरोहित, ऋषिकेश भक्त मंडल प्रमुख लक्षमण आडवानी, राजेष देवड़ा, पुष्कर अजमेर की विदुषी साध्वियां, कल्याणमल अग्रवाल,रुपनारायण जोशी, डॉ देवेन्द्र पुराणिक, जयप्रकाश गर्ग, रामनारायण कुरारिया, प्रवीण देवड़ा, अरुण गौड़, लक्ष्मण जटिया, सन्तोष जोशी, राजेन्द्र यादव, राधेष्याम सिखवाल, नन्दलाल गुप्ता, राव विजयसिंह  कमल देवड़ा, ओमप्रकाश गर्ग, जयप्रकाश बटवाल, राधेष्याम गर्ग, रामगोपाल षर्मा, प्रेमचन्द्र पाटीदार, सहित सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित थे।

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