
नीमच। जसवंतसिंह यादव, अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा एक आरोपी को 08 वर्ष की नाबालिग बालिका पर लैगिंक हमला (बलात्संग) करने के आरोप का दोषी पाकर 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5,000रू. के जुर्माने से दण्डित किया हैं।
जिला अभियोजन अधिकारी आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 26.11.2018 को पीडिता की माता ने थाना नीमच सिटी पर रिपोर्ट लिखाई कि अपने माता पिता के साथ किराये के मकान में नीमच सिटी थाने के अंतर्गत रहती है। उसके मकान के ऊपर किराये से गोपाल पिता बल्लसिंह भी रहता हैं। घटना के समय आरोपी अकेला रह रहा हैं उसकी पत्नी मनजीत बाहर गयी हुई हैं। फरियादी की अवयस्क 8 वर्षीय नाबालिग पुत्री आरोपी गोपाल को नाना कहती थी। रात को करीब 9 बजे वह गोपाल को मक्का की रोटी देने ऊपर गयी और 15 मिनिट बाद रोती हुई आयी तब उसने उसस पूछा कि क्या हुआ तब पीडित बालिका ने बताया कि वह मक्के की रोटी देने गयी तो आरोपी गोपाल ने उसके प्राईवेट पार्ट में छेड़छाड़ की। जिससे उसे दर्द हुआ और खून आ गया। ऐसा बताने पर फरियादी ने घटना अपनी मॉ और भाई को बताई।
पीड़िता की मॉ ने थाना नीमच सिटी पर रिपोर्ट दर्ज करवाई, रिपोर्ट पर से अपराध क्रमांक 551/18, धारा 376(2)(च), 376 (ए)(बी) भादवि एवं धारा 3(ख), 4, 5 (एन) लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा पीड़िता का मेडिकल कराकर उसके उम्र संबंधित दस्तावेज प्राप्त कर कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री आर. आर. चौधरी, जिला लोक अभियोजन अधिकारी, नीमच द्वारा अपना मामला सिद्ध करने के लिये पीडिता, उसकी मॉ, मकान मालिक, पीडिता का मेडिकल करने वाली लेडी मेडिकल ऑफिसर, पीडिता को नाबालिग सिद्ध करने के लिए उसके स्कूल के प्रधान अध्यापक, विवेचक साहित सभी आवश्यक गवाहो के बयान न्यायालय में कराते हुए आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे साबित कराया गया। प्रकरण में आई साक्ष्य के आधार पर विद्यवान न्यायालय ने आरोपी को दोषी माना। दण्ड के प्रश्न पर आर. आर. चौधरी, जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा तर्क रखा गया कि आरोपी द्वारा मासूम 8 वर्षीय नाबालिक लडकी के साथ जिस तरह का घटिया अपराध किया है उसे देखते हुए आरोपी को नवीन संशोधित अपराध में कठोर दण्ड दिया जाना चाहिये, तर्क से सहमत होते हुए श्री जसवंत सिंह यादव, एडीजे, (पॉक्सो एक्ट) नीमच द्वारा आरोपी गोपाल पिता बल्लासिंह उर्फ मल्लासिंह अरोरा, उम्र-62 वर्ष, निवासी-म. नंबर-251 इन्द्रा नगर, थाना-नीमच सिटी, तहसील-जावद, जिला-नीमच (म.प्र.) अधिनियम की धारा 42 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम तथा अधिनियम की धारा 3 व 3(ख) व 5(एम) व धारा 71 भारतीय दण्ड विधान के प्रावधान को ध्यान में रखते हुए उक्त अपराध में अलग से दण्ड न देते हुए नवीन संशोधित धारा 376(एबी) भा.द.सं. के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5,000रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड जमा न करने पर आरोपी को 5 माह का सश्रम कारावास अलग से भुगतना होगा। अर्थदण्ड की राशि पीडिता को बतौर मदद दिये जाने का आदेश किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी आर. आर. चौधरी, डीपीओ द्वारा की गई एवं सहयोग कोर्ट मोहर्रिर छगनलाल 87 का रहा।