
- 14 बार नमूने परीक्षण के लिए भेजे, 4 बार ही रिपोर्ट आई नेगेटिव
- 49 दिन अस्पताल में रहा 11 साल का बच्चा
- बच्चे को जब अस्पताल से छुट्टी मिली तो वह खुशी से नाचने लगा
जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में एक 11 साल के बच्चे ने डॉक्टर्स को आश्चर्य में डाल रखा था। 49 दिनों से अस्पताल में एडमिट इस बच्चे को न तो खांसी थी, न ही सर्दी और न ही बुखार लेकिन बार-बार इसके सेम्पल लिए जाते और रिपोर्ट पॉजेटिव आ जाती है। इस 11 साल के बच्चे के 14 बार कोरोना जांच के लिए सेम्पल लिए गए थे और सिर्फ 4 बार ही बच्चे की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई, बाकि 10 बार रिपोर्ट पॉजेटिव ही रही ।
बच्चें की 13वीं एवं 14वीं कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने का बताया गया जिसे सुनकर वह खुशी से नाचने लगा क्योंकि 49 दिनों से वह अपने परिवार से दूर कोरोना से जंग लड़ रहा था । 11 साल के इस बच्च्े को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
इस 11 साल के बच्चे को उसके परिजनों के साथ 14 अप्रैल को भरतपुर जिले के बयाना कस्बे में क्वारंटीन (एकांतवास) किया गया था। पहले वह भरतपुर और फिर बाद में जयपुर में भर्ती रहा। उसका इलाज एसएमएस अस्पताल के सीनियर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार गुप्ता ने किया। डॉ. गुप्ता का कहना है कि कासिम के कुछ नमूने जांच के लिए पुणे भेजे गए थे। अब इसका शोध किया जाएगा कि आखिर कासिम को कैसा कोरोना था।
आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. योगेश का कहना है कि बार-बार रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मतलब है कि मरीज के अंदर कोरोना का वायरस है लेकिन वो सक्रिय नहीं है। ऐसे में दूसरों को उससे खतरा नहीं है। बशर्ते कि उसमें कोई लक्षण न दिखाई दें। दिल्ली स्थित आईएलबीएस अस्पताल की वॉयरोलॉजिस्ट डॉ. एकता गुप्ता का कहना है कि कई बार इंसान के शरीर की बॉयोलॉजिकल बनावट और रोग प्रतिरोधक तंत्र ऐसा होता है कि वायरस शरीर में रहता है, लेकिन उससे मरीज को कोई परोशानी नहीं होती है।