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रीवा जिला अस्पताल में एक साल में 52 महिलाओं और 68 शिशुओं की मौत

रीवा के संजय गांधी जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान सालभर में 52 महिलाओं और 68 शिशुओं की मौत हो गई। ये जानकारी बुधवार को विस में स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने दी। वह विधायक जीतू पटवारी के सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2016 से एक जनवरी 17 के बीच इस जिला अस्पताल में 9893 प्रसव हुए।

इन मौतों का जिम्मेदार कौन है और मृतक के परिवार को मुआवाजा देने का क्या प्रावधान है? इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया मुआवाज देने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि मानव अधिकार आयोग मुआवजा राशि की अनुशंसा करता है तो वह राशि विभाग द्वारा दी जाती है। हालांकि इन मौतों के लिए उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार मानने से इंकार कर दिया।

नहीं है रेडियोलॉजिस्ट : केंद्र सरकार के निर्देशानुसार 18 से 19 सप्ताह के बीच में सोनोग्रॉफ अनिवार्य है। जरुरत हो तो एक से अधिक बार सोनोग्रॉफ की जा सकती है, जबकि रीवा जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का एक पद है वो भी खाली है। जबकि श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में दो चिकित्सक डॉ. राहुल मिश्रा एवं डॉ. संजीव कुमार कार्यरत हैं।

सिर्फ चार मरीज हुए रेफर : रीवा जिला अस्पताल से सिर्फ चार मरीजों को मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में रेफर किया गया है। जबकि इस अवधि में इंदौर जिला अस्पताल से 39 मरीज रेफर हुए।

सरकार को पता नहीं कि निजी अस्पतालों के मेडिकल स्टोर्स में ज्यादा कीमत पर मिलती हैं दवाएं

निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर्स में बाजार से ज्यादा कीमत पर दवाएं मिलती हैं। यह जानकारी सरकार के पास नहीं है। विधायक आशीष शर्मा के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने विस में बुधवार को लिखित में यह जवाब दिया।

उन्होंने बताया कि कैंसर, हृदय प्रत्यारोपण और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए इंदौर व भोपाल में 21 निजी अस्पताल हैं। इनके परिसर में मेडिकल स्टोर्स हैं। औषधि पर अंकित अधिकतम कीमत के आधार पर ही यहां दवाएं बेची जाती हैं। ज्यादा कीमत पर दवाएं बेचने की कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई शिकायत मिलती है तो विभाग कार्रवाई करेगा।

वक्फ बोर्ड की सबसे ज्यादा संपत्ति शाजापुर में

मध्यप्रदेश में वक्फ बोर्ड की 14861 संपत्तियां है, इनमें सबसे ज्यादा 1117 शाजापुर जिले में है। उसके बाद उज्जैन में 1058 संपत्तियां है। विस में बुधवार को विधायक जितेंद्र गेहलोत के सवाल का लिखित जवाब देते हुए पिछड़ा वर्ग राज्यमंत्री ललिता यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा किसी मस्जिद, मदरसा, दारुल उलूम, दरगाह, कब्रिस्तान की व्यवस्था एवं विकास के लिए तीन वर्षों में कोई अनुदान व ऋण स्वीकृत नहीं किया गया है। न ही सेंट्रस वक्फ बोर्ड को कोई प्रस्ताव भेजा गया है।

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