
नई दिल्ली। भारत व चीन के बीच बीते कुछ दिनों से तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे के कारण एक-दूसरे के साथ तीखी बयानबाजियां चल रही हैं, लेकिन जब कुछ अहम जिम्मेदारियां आती हैं तो इनकी आपसी कड़वाहट आड़े नहीं आती। यमन और सोमालिया के बीच स्थित अदन की खाडी में ऐसा ही देखने को मिला। समुद्री लुटेरों से घिरे एक कार्गो शिप की मदद के लिए शनिवार रात चीन और भारत की नौसेनाएं एकसाथ आगे आईं। समुद्री लुटेरों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग का सम्मान करते हुए दोनों देशों की नौसेनाओं ने आपसी सहयोग से एक व्यापारिक जहाज को डाकुओं से बचाया और लुटेरों की कोशिश को नाकाम कर दिया
अदन की खाडी में 21 हजार टन की क्षमता के एक कार्गो शिप समुद्री लुटेरों ने धावा बोल दिया था। इस कार्गो शिप ने जब मदद के लिए इमरजेंसी सिग्नल भेजा तो सबसे पहले इंडियन नेवी के युद्धपोत आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश ने प्रतिक्रिया दी और तुरंत मदद के लिए पहुंच गए। जिस कार्गो शिप को समुद्री लुटेरे हाईजैक करना चाहते थे वह मलेशिया से अदन की खाडी आ रहा था
जैसे ही भारतीय युद्धपोत इस हमले की जानकारी मिली इंडियन नेवी ने तुरंत उस कार्गो शिप के ऊपर अपने हेलिकॉप्टर को भेज दिया ये हेलिकॉप्टर रात भर समुद्री लुटेरों के कब्जे में आए कार्गो शिप की परिक्रमा करता रहा ताकि इसे लुटेरे किसी अज्ञात जगह पर ना ले जा सके। सुबह होने पर सबसे पहले इंडियन नेवी ने ही जहाज के ऊपरी तल को लुटेरों के कब्जे से मुक्त कराया। तब तक चीनी नेवी भी वहां पहुंच चुकी थी, चीनी नेवी को जहाज के अंदर जाकर उसे लुटेरों के कब्जे से मुक्त कराना था लिहाजा बाहर भारतीय नेवी की तैनाती अहम थी। भारत ने अपने इस रोल को पूरे प्रोफेशनल अंदाज में पूरा किया। भारत की मदद की वजह से ही चीनी सेना जहाज को लुटेरों के कब्जे से आजाद करा सकी। बाद में चीनी नेवी ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ भारत के इस सहयोग की तारीफ की और भारत को धन्यवाद दिया।
दोनों देशों की नौसेना के सहयोग से कार्गो शिप में सवार जहाज के 19 क्रू मेंबर को सकुशल छुड़ा लिया गया है। ये सारे क्रू मेंबर फिलीपींस के रहने वाले हैं। अदन की खाड़ी में पिछले कुछ सालों से समुद्री लुटेरों के हौसले बढ़ गये हैं। अदन की खाड़ी समुद्री व्यापार का एक अहम मार्ग है। भारत ने भी अपने कार्गो शिप की सुरक्षित आवाजाही के लिए यहां अपने कई युद्धपोत तैयार कर रखे हैं। इनमें आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश प्रमुख हैं।