
कानपुर। नोटबंदी के बाद नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए निजी क्षेत्र की बैंकों ने महीने में चार से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन करने पर शुल्क लेना शुरू कर दिया है।
कुछ बैंक पहले से इस तरह का शुल्क ले रहे हैं। लेकिन पहले शुल्क काफी कम था और ट्रांजैक्शन की संख्या ज्यादा थी। सूत्रों के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी इस तरह का चार्ज लगा सकते हैं।
जिन बैंकों ने शुल्क लगाया है या पहले से लागू नियम सख्त किया है, उनमें एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, आइडीबीआइ बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं।
चार बार से अधिक नकद निकासी और जमा करने पर बैंक प्रति निकासी न्यूनतम 150 रुपये शुल्क और सेवा कर लेंगे। हालांकि यह शुल्क बचत खातों पर ही लागू होगा।
उसमें भी बैंकों के प्राथमिकता प्राप्त ग्राहकों को इस बोझ से दूर रखा जाएगा। इसके अलावा बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के इस नियम से दूर रखा गया है।
वहीं चालू खाते भी इस नियम की परिधि में नहीं आएंगे। एचडीएफसी बैंक के एक वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि नियम एक मार्च यानी बुधवार से लागू हो गए हैं।
कितना लगेगा शुल्क –
चार बार नकद लेनदेन शुल्क मुक्त – पांचवे से हर ट्रांजैक्शन पर 150 रुपये और सर्विस चार्ज यानी तकरीबन 173 रुपये लगेंगे
– होमब्रांच में दो लाख रुपये से अधिक जमा करने पर प्रति हजार रुपये पर पांच रुपये और न्यूनतम 150 रुपये शुल्क
– खाते से इतर बैंक शाखा में 25 हजार रोजाना का ट्रांजेक्शन शुल्क मुक्त, इससे अधिक प्रति हजार रुपये पर पांच रुपये और न्यूनतम 150 रुपये शुल्क
– थर्ड पार्टी कैश लेनदेन की सीमा 25 हजार रुपये रोज, इससे अधिक पर 150 रुपये चार्ज
– एक्सिस बैंक ने एक लाख रुपये प्रति महीने से ऊपर के जमा पर या पांचवीं निकासी से 150 रुपये या प्रति हजार रुपये पर 5 रुपये शुल्क तय किया है
पांच बार से अधिक निकासी पर एटीएम में भी शुल्क
आरबीआई के पुराने निर्देश के अनुसार अपने बैंक के एटीएम से महीने में पांच बार से ज्यादा ट्रांजैक्शन करता है तो उसे 15 से 20 रुपये शुल्क देना पड़ता था।
जबकि दूसरे बैंक के एटीएम एटीएम तीन ट्रांजेक्शन फ्री हैं। इससे अधिक ट्रांजेक्शन पर निजी क्षेत्र के बैंकों में 20 रुपये तक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15 रुपये तक का शुल्क लगेगा।