
निनोर गाँव में आयोजित पदमावती मेला
प्रतापगढ़ । प्रतापगढ़ के समीप दलोट के निनोर गाँव में आयोजित तीन दिवसीय माँ पदमावती मेले शुक्रवार को श्रद्धालुओ ने धधकते अंगारो पर नंगे पैर गुजर कर माँ पदमावती के दर्शन किये तथा मत्था टेक कर मन्नते मांगी। मान्यता अनुसार प्रतापगढ़ जिले के निनोर गाँव में स्थित माँ पदमावती का हजारो वर्ष पुराना मंदिर है। बताया जाता है की यहां आने वाले श्रद्धालुओ की हर एक मनोकामनाए पूर्ण होती है। राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात सहित आदि कई राज्य से श्रद्धालु यहां आते है। प्रतिवर्ष यहां लगने वाले मेले श्रद्धालु दहकते अंगारो पर चलकर माँ पदमावती के दर्शन करते है तथा माता के प्रति अपनी आस्था का परिचय देते है। यहां आये कुछ श्रद्धालुओ ने बताया की माँ के दरबार के सामने जलाई गयी चुल पर चलकर माँ के दर्शन कर मांगी जाने वाली हर एक मन्नत पूरी होती है। शुक्रवार भी मेले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला।अंगारो पर से श्रद्धालु कुछ इस तरह गुजर रहे थे जैसे मानो की फूलो से गुजर रहे हो। अंगारो पर से गुजरने वालो में युवा, वृद्ध, महिलाए एंव बच्चे आदि शामिल थे।
सुनी गोद भरती है माता
मान्यता यह भी है की माता के दर्शन करने से निः संतान दम्पतियों को संतान की प्राप्ति होती है। दूर दराज से आये कई श्रद्धालुओ ने बताया की माता के आशीर्वाद से हमे संतान की प्राप्ति हुई है।माता रानी से सच्चे मन से मांगने पर हर एक मनोकाना पूरी होती है। गांव निनोर में श्री त्रिरूप धारणी माँ पद्मावती की अति प्राचीन एंव चमत्कारीक प्रतिमा मेवाड (मालवा) वागड की संगम स्थली ग्राम निनोर (नेनावती) मे विराजमान है यह प्रतिमा राजा नल दमयंति के समय की है जो की 3000 वर्ष से भी अधिक पुरानी है शास्त्रों में नेनावती नगरी, नेनसुख तालाब, पद्मावती मंदिर, सोने की दीवाल आदि ऐतिहासिक स्थलो का उल्लेख मिलता है यहाँ अभी भी अवशेष मोजूद है उस समय निनोर का नाम नयनावत नगरी था इस मंदिर प्रांगण में शक्ति पीठ में दो समाधी स्थल(गुरू चेले की जीवित) विधमान है मेले मे धधक्ते अंगारो पर माँ का नाम लेकर बडी श्रद्बा के साथ निकलते है, किसी भी प्रकार से किसी को भी कुछ नहीं होता है कहते हैं कि निनोर गाव को प्राचीन समय में नेनावती नगरी कहते हैं यहां प्रती वर्ष चैत्र विदी पंचमी को मेले का आयोजन किया जाता है, माँ दिन मे तीन बार रूप बदलती है, आस पास से अधिक से अधिक संख्या में दर्शन करने के लिए हजारो संख्या में भक्त आते उदयपुर, प्रतापगढ, रतलाम, जावरा, सेलाना, दलोट, साखथली, बोरदिया, रायपुर, सालमगढ, आदि गांव से आते हैं। समिती सदस्य मदन सिंह चोरडीया, अभय जैन सह सचिव, अध्यक्ष हमेर सिंह राठोर, बाबू लाल छाजेड़ मंत्री, औंकारलाल शर्मा एवं पुरे गांव का सहयोग रहता है ।