
नई दिल्ली । सरकार बिटकॉइन के जरिये सौदे करने वाली कंपनियों की निगरानी कर रही है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इस तरह के सौदों से जनता से धन नहीं जुटाया जा सके। हाल के महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस आभासी मुद्रा का मूल्य तेजी से बढ़ा है। भारत में अभी तक इसके लिए किसी तरह का नियामकीय ढांचा नहीं बना है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की कंपनियों पर नजदीकी नजर है कि कहीं वे बिटकॉइन के जरिये सौदे तो नहीं कर रही हैं।
एक हालिया पत्र में मंत्रालय ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), क्षेत्रीय निदेशकों के अलावा कंपनी पंजीयक को बिटकॉइन सौदे करने वाली कंपनियों का ब्योरा जुटाने को कहा है। एसएफआईओ मंत्रालय के तहत आता है। लोकसभा सदस्य और भाजपा नेता किरीट सोमैया ने देश में बिटकॉइन कारोबार पर गहन चिंता जताई थी। इससे पहले यह पत्र उन्हें भी भेजा गया था। वित्त पर संसद की स्थायी समिति की बैठक के दौरान भी सत्ताधारी भाजपा के सदस्यों ने भी कंपनियों द्वारा बिटकॉइन के जरिये सौदे करने पर चिंता जताई थी।
इस साल मार्च में वित्त मंत्रालय ने अंतर अनुशासनात्मक समिति बनाई थी, जिससे देश और विदेश में आभासी मुद्रा की स्थिति को देखते हुए उससे निपटने के उपाय सुझाने हैं। सरकार ने आम जनता से भी इस बारे में विचार मांगे हैं कि क्या आभासी मुद्रा को बंद किया जाना चाहिए, या उनका नियमन अथवा स्व नियमन होना चाहिए। इस बारे में भी सुझाव मांगे गए हैं कि आभासी मुद्राओं का नियमन और निगरानी कैसे की जा सकती है।