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आइडिया ने वोडाफोन इंडिया के साथ विलय को मंजूरी दी

नई दिल्ली । आइडिया सेल्यूलर ने आज वोडाफोन इंडिया और वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज के साथ मिलकर देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी बनाने को मंजूरी दे दी। दोनों के मिलने से जो नई कंपनी बनेगी उसके ग्राहकों की संख्या 39.40 करोड़ तक होगी। आइडिया सेल्यूलर निदेशक मंडल की आज यहां हुई बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। आइडिया ने नियामकीय जानकारी में कहा है, ‘‘कंपनी ने वोडफोन इंडिया लिमिटेड (वीआईएल) और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज लिमिटेड (वीएमएसएल) के साथ एकीकरण को मंजूरी दे दी है।’’

प्रस्तावित विलय संबंधित प्राधिकरणों से जरूरी मंजूरी मिलने के बाद आगे बढ़ेगा। इसके लिये सेबी, दूरसंचार विभाग और रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी। नियामक को भेजी गई जानकारी के मुताबिक, ‘‘कंपनियों के एकीकरण के बाद वाआईएल के इंडस टावर्स लिमिटेड में किये गये निवेश को छोड़कर वीआईएल और वीएमएसएल का पूरा कारोबार, इसकी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क संपत्ति और सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म सभी नई कंपनी के तहत आ जायेगी।’’ वोडाफोन इंडिया का कुल कारोबार 5,025 करोड़ रुपये और वीएमएसएल का 40,378 करोड़ रुपये है। आइडिया सेल्यूलर का कारोबार 36,000 करोड़ रुपये है। जबकि वीआईएल की नेटवर्थ 12,855 करोड़ रुपये, वीएमएसएल की 3,737 करोड़ रुपये और आइडिया सेल्यूलर की 24,296 करोड़ रुपये है।
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2016 अंत में दूरसंचार बाजार में वोडाफोन की बाजार हिस्सेदारी 20.46 करोड़ मोबाइल ग्राहकों के साथ 18.16 प्रतिशत थी जबकि आइडिया की 19.05 करोड़ ग्राहकों के साथ 16.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस समय 26.58 करोड़ ग्राहक संख्या के साथ एयरटेल की मोबाइल दूरसंचार बाजार में 23.58 प्रतिशत की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। आइडिया और वोडाफोन के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि विलय के बाद बनने वाली एकीकृत कंपनी पर शेयरधारक समझौते के मुताबिक वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह का संयुक्त नियंत्रण होगा। इसमें कहा गया है कि एकीकृत कंपनी में विलय प्रक्रिया पूरी होने के साथ आदित्य बिड़ला समूह को 3,900 करोड़ रुपये में 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के हस्तांतरण के बाद वोडाफोन की 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। आइडिया की एकीकृत कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि शेष हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास होगी। कंपनियों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि आदित्य बिड़ला समूह को आने वाले समय में शेयरधारिता को बराबर करने के लिये वोडाफोन से और शेयरों के अधिग्रहणों का अधिकार होगा। यह काम सहमति प्राप्त प्रणाली के तहत होगा।

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